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एक यांत्रिकी अभियंता, एक कविता संग्रह! दूसरा, तीसरा संस्करण तैयार है, एक पुस्तक भी करीब तीन महीने दूर है।
About the Book
एक यांत्रिकी अभियंता, एक कविता संग्रह! दूसरा, तीसरा संस्करण तैयार है, एक पुस्तक भी करीब तीन महीने दूर है।
कहते हैं जीवन में चलते रहो, कर्म प्रधान रहो। अपने जुनून को जीवित रखो। प्रयत्न जारी रहे, चेष्टा करते रहें. मुझे ५० वर्ष लगे।
यदि मैं अभियंता न होता तो शायद एक कुर्ता धारी कवि या कलाकार होता।
110p/Paperback/5.83×8.27″
ISBN (EPUB) : 978-93-84129-88-0
ISBN (PDF) : 978-93-884129-90-3
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