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‘चाय का प्याला’ “The cup of Tea” कॉलेज से एक प्रेरणात्मक प्रयत्न का पूर्ण होना है।
About the Book
‘चाय का प्याला’ “The cup of Tea” कॉलेज से एक प्रेरणात्मक प्रयत्न का पूर्ण होना है।
कहते हैं ये भगवान की ही देन होती है, मैं नहीं मानता, प्रतिभा कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में, हर व्यक्ति में छुपी रहती है। चाकू यदि काटता रहे तो तेज रहता है अन्यथा भौंडा हो जाता है।
About the Author:
बचपन से लिखने का शौक, दाल रोटी का चक्कर, भारत वर्ष में कवि बनना और फिर जीविका चलाना बहुत मुश्किल है। ‘सार्थक कविताओं की तलाश’ में एक कविता, कहीं छोटे-मोटे लेख और “कुछ पल जीवन के…” कुछ ने पढ़ी पर कुछ अभी भी हिंदी पर या पढ़ने पर पैसे खर्चने से कतराते हैं! प्रयास चलता रहेगा….।
114p/Paperback/5.83×8.27″
About the Author:
बचपन से लिखने का शौक, दाल रोटी का चक्कर, भारत वर्ष में कवि बनना और फिर जीविका चलाना बहुत मुश्किल है। ‘सार्थक कविताओं की तलाश’ में एक कविता, कहीं छोटे-मोटे लेख और “कुछ पल जीवन के…” कुछ ने पढ़ी पर कुछ अभी भी हिंदी पर या पढ़ने पर पैसे खर्चने से कतराते हैं! प्रयास चलता रहेगा….।
114p/Paperback/5.83×8.27″